• Dec 17, 2025
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    इंडियन नेवी अपनी समुद्री लड़ाकू क्षमताओं को और मज़बूत कर रही है। 2nd स्क्वाड्रन INAS 335 'ऑस्प्रेज़' के MH-60R 'रोमियो' सीहॉक मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर स्क्वाड्रन को 17 दिसंबर को गोवा के INS हंसा नेवल एयर स्टेशन पर ऑफिशियली कमीशन किया जाएगा। नेवल चीफ एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी इस इवेंट में चीफ गेस्ट होंगे। पिछले साल 6 मार्च को, नेवी ने INS गरुड़, कोच्चि में पहला स्क्वाड्रन INAS 334 कमीशन किया था, जो अब 2 स्क्वाड्रन के साथ अपने नेवल एविएशन डिपार्टमेंट को मज़बूत कर रहा है। ये स्टेट-ऑफ़-द-आर्ट हेलीकॉप्टर भारत में अमेरिकन कंपनी लॉकहीड मार्टिन बनाती है। इसे नेवी के लिए 'गेम चेंजर' कहा जा सकता है। MH-60R 'रोमियो' स्पेसिफिकेशन्स MH-60R सीहॉक हेलीकॉप्टर दुनिया का सबसे एडवांस्ड, मल्टी-मिशन समुद्री हेलीकॉप्टर है। यह एंटी-सबमरीन वॉरफेयर (ASW), एंटी-सरफेस वॉरफेयर (ASuW), सर्च एंड रेस्क्यू (SAR), मेडिकल इवैक्युएशन, वर्टिकल रीसप्लाई, वगैरह जैसे कई रोल निभा सकता है। खास बातें: एडवांस्ड सेंसर → मल्टी-मोड रडार, डिपिंग सोनार, इलेक्ट्रॉनिक सपोर्ट मेजर्स। हथियार → ​​टॉरपीडो, हेलफायर मिसाइल, एंटी-शिप मिसाइल। इंटीग्रेटेड एवियोनिक्स सूट → समुद्र में घंटों तक ऑपरेट करने में सक्षम। ये हेलीकॉप्टर जहाजों के साथ पूरी तरह से इंटीग्रेटेड हैं और पहले से ही कई मिशन में हैं। साबित क्षमता। भारत के लिए इसका क्या इस्तेमाल है? भारत ने 2020 में US के साथ एक डील के तहत कुल 24 MH-60R हेलीकॉप्टर खरीदे। इन्होंने पुराने हो चुके सी किंग हेलीकॉप्टर की जगह ली। इनके शामिल होने से, इंडियन नेवी तेज़ी से ब्लू-वॉटर नेवी बन रही है। यानी, इसमें बड़े समुद्री इलाकों में लंबे समय तक ऑपरेशन करने की क्षमता होगी। इनमें समुद्री रास्तों को सुरक्षित करना, कमर्शियल शिपिंग की सुरक्षा करना और आतंकवाद और समुद्री डकैती का मुकाबला करना शामिल है। समुद्री लुटेरों के पास हमलों का जवाब देने की फ्लेक्सिबिलिटी होती है। हिंद महासागर में चीन के ऑपरेशन के संदर्भ में एक अहम भूमिका हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) भारत के लिए बहुत ज़्यादा स्ट्रेटेजिक महत्व रखता है। दुनिया का ज़्यादातर व्यापार समुद्री रास्तों से होता है। लेकिन पिछले कुछ सालों में, चीन इस क्षेत्र में अपनी मिलिट्री मौजूदगी काफ़ी बढ़ा रहा है। वह 'स्ट्रिंग ऑफ़ पर्ल्स' स्ट्रैटेजी का इस्तेमाल करके अलग-अलग इलाकों में बेस बना रहा है, जो कंस्ट्रक्शन, सबमरीन की सीलिंग जैसे मिलिट्री ऑपरेशन करता है। इस संदर्भ में, MH-60R हेलीकॉप्टर भारतीय डिफेंस सिस्टम के लिए बहुत ज़रूरी होते जा रहे हैं। वे सबमरीन का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने में ज़्यादा असरदार हैं। ये 'रोमियो' चीनी सबमरीन हमलों का मुकाबला करने के लिए फ़ोर्स मल्टीप्लायर का काम करते हैं। भारतीय नौसेना, जिसके पास दो स्क्वाड्रन हैं, पूर्वी और पश्चिमी तटों पर पूरी निगरानी और सुरक्षा देती है। एफिशिएंसी बढ़ाती है। इस रोमियो हेलीकॉप्टर स्क्वाड्रन के जुड़ने से, भारत ने हिंद महासागर में दबदबा बना लिया है। डिफेंस एक्सपर्ट्स का मानना ​​है कि ताकत कम हो रही है। भारतीय मिलिट्री ताकत बढ़ने से रीजनल स्टेबिलिटी भी बढ़ने की उम्मीद है। कुल मिलाकर, रोमियो हेलीकॉप्टर्स का दूसरा स्क्वाड्रन भारतीय डिफेंस सेक्टर में एक बड़ा माइलस्टोन है।

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