• Dec 16, 2025
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    येरुशलम: इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पीएम मोदी के बीच बुधवार को हुई फोन पर बातचीत के बाद इजरायली पीएम के कार्यालय ने दोनों नेताओं के बीच जल्द ही मुलाकात होने का दावा किया है। बता दें कि पीएम मोदी और बेंजामिन नेतन्याहू के बीच यह मुलाकात दिल्ली ब्लास्ट के बाद पहली बार होने जा रही है। दोनों ही नेताओं का आतंकवाद के खिलाफ जीरो टोलरेंस है। एक दिन पहले फोन पर हुई वार्ता के दौरान भी पीएम मोदी और नेतन्याहू ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। ऐसे में दोनों नेताओं की इस संभावित मुलाकात को लेकर पाकिस्तान में हड़कंप मचना तय हो गया है। इजरायल के पीएमओ ने दी जानकारी इज़रायली प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने पीएम मोदी और नेतन्याहू के बीच फोन पर हुई इस बातचीत के बारे में सोशल मीडिया पर बयान जारी किया है। इजरायली पीएमओ ने लिखा, “गर्मजोशी और दोस्ताना बातचीत के अंत में दोनों नेता बहुत जल्द मिलने पर सहमत हुए।” नेतन्याहू की लंबे समय से प्रतीक्षित भारत यात्रा दोनों देशों के बीच हाल के कई उच्च-स्तरीय मंत्रिस्तरीय दौरों के बाद होगी। इस साल इज़रायल के पर्यटन मंत्री हाइम काट्ज़, अर्थव्यवस्था एवं उद्योग मंत्री निर बरकात, कृषि एवं खाद्य सुरक्षा मंत्री अवी डिख्टर और वित्त मंत्री बेज़ालेल स्मोत्रिच भारत का दौरा कर चुके हैं। दोनों देशों में है रणनीतिक साझेदारी भारत और इजरायल दोनों गहरे रणनीतिक साझेदार हैं। अब दोनों ही देश मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। इजरायली वित्त मंत्री स्मोत्रिच के दौरे के दौरान दोनों देशों ने द्विपक्षीय निवेश संधि पर हस्ताक्षर किए थे। पिछले महीने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की इज़रायल यात्रा के दौरान FTA की दिशा में Terms of Reference (TOR) पर भी दस्तखत हुए। इज़रायल के सूत्रों ने हाल में आई उन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया कि दिल्ली में हुए विस्फोटों के कारण सुरक्षा चिंताओं की वजह से नेतन्याहू ने अपनी भारत यात्रा टाल दी है। इज़रायल ने भारत की सुरक्षा व्यवस्था पर “पूर्ण विश्वास” जताया है और कहा है कि दोनों पक्ष नेतन्याहू की यात्रा की तारीखें तय करने पर काम कर रहे हैं। आतंकवाद के खिलाफ हो सकता है ठोस फैसला इजरायल ने बार-बार यह कहा है कि भारत और इजरायल दोनों ही आतंकवाद के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं। दोनों देशों ने आतंकवाद पर दोहरा रवैया अपनाने वाले देशों की सख्त आलोचना भी की है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने का अह्वान किया है। ऐसे में पीएम मोदी और नेतन्याहू के बीच होने वाली मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है। भारत और इजरायल दोनों ही आतंकवाद के भुक्तभोगी होने की वजह से इससे निपटने का कोई ठोस और संयुक्त प्लान बना सकते हैं। ऐसे में भारत और इजरायल के बीच होने वाली आतंक के खिलाफ वार्ता की आहट से ही पाकिस्तान में खलबली है। (एपी)

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