कंपनियों को इस बिल का सपोर्ट करना चाहिए: कर्मचारी
नौकरी ज़िंदगी का हिस्सा है। लेकिन आजकल नौकरी ज़िंदगी बनती जा रही है। टेकी लोग दिन में 12-14 घंटे काम करते हैं। इस वजह से वे वर्क-लाइफ बैलेंस नहीं बना पाते। काम के प्रेशर की वजह से वे अपने परिवार का भी ध्यान नहीं रख पा रहे हैं। इसीलिए कर्मचारी 'राइट टू डिस्कनेक्ट बिल' लाने की मांग कर रहे हैं। काम पर प्रोडक्टिविटी तभी बेहतर होती है जब कर्मचारी मेंटली हेल्दी हो। कंपनियों को भी इस बिल का सपोर्ट करना चाहिए।










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