• Dec 16, 2025
  • NPN Log
    संयुक्त राष्ट्र: भारत ने सुरक्षा परिषद को स्पष्ट कहा कि तालिबान के साथ केवल दंडात्मक उपायों पर जोर देने से पिछले साढ़े चार साल से चला आ रहा “जैसे को तैसा” वाला रवैया ही बना रहेगा। इसके बजाय “व्यावहारिक जुड़ाव” की जरूरत है। बुधवार को अफगानिस्तान की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत परवथनेनी हरीश ने कहा,“भारत तालिबान के साथ व्यावहारिक जुड़ाव का आह्वान करता है। जुड़ाव की सुसंगत नीति सकारात्मक कदमों को प्रोत्साहित करे। केवल दंडात्मक उपायों पर ध्यान देने से वही ‘बिज़नेस ऐज़ यूज़ुअल’ चलता रहेगा जो हम पिछले साढ़े चार साल से देख रहे हैं।” Pause Mute Remaining Time -9:35 Close PlayerUnibots.com अफगानिस्तान की जनता के लिए भारत प्रतिबद्ध उन्होंने दोहराया कि अफगान जनता की विकास जरूरतों को पूरा करना भारत की प्रतिबद्धता है। हरीश ने कहा कि भारत सरकार ने हाल में काबुल में अपने टेक्निकल मिशन का दर्जा फिर से दूतावास करने का फैसला लिया है – “यह हमारी इस प्रतिबद्धता का प्रमाण है। हम सभी हितधारकों के साथ जुड़ाव जारी रखेंगे ताकि अफगान समाज की प्राथमिकताओं और आकांक्षाओं के अनुरूप अफगानिस्तान के समग्र विकास, मानवीय सहायता और क्षमता निर्माण में अपना योगदान बढ़ा सकें। अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी अक्टूबर में छह दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली आए थे। 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद भारत आने वाले सबसे वरिष्ठ तालिबानी मंत्री। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मुत्तकी से विस्तृत बातचीत की और काबुल में टेक्निकल मिशन को फिर से दूतावास बनाने तथा अफगानिस्तान में विकास कार्य फिर शुरू करने की घोषणा की। पाकिस्तान का नाम लिए बिना हमला राजदूत हरीश ने कहा कि भारत अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है। इस दौरान भारत ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना उस पर हमला बोला। भारतीय राजदूत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित सभी आतंकी संगठन और व्यक्ति-आईएसआईएल, अल-कायदा और उनके सहयोगी, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद तथा लश्कर के प्रॉक्सी जैसे द रेसिस्टेंस फ्रंट और उनके सहायक-सीमा-पार आतंकवाद में लिप्त न रहें, इसकी अनुमति न दी जाए। यह स्पष्ट इशारा पाकिस्तान की ओर था। अफगानिस्तान में पाकिस्तान के हवाई हमलों की निंदा भारत ने UNAMA की चिंता का समर्थन करते हुए अफगानिस्तान में हवाई हमलों की निंदा की और मासूम महिलाओं, बच्चों और क्रिकेटरों की हत्या को अस्वीकार्य बताया। हरीश ने कहा,“हम गंभीर चिंता के साथ देख रहे हैं कि एक थल-रुद्ध (land-locked) देश के लोगों को ‘व्यापार और पारगमन आतंकवाद’ का शिकार बनाया जा रहा है। वर्षों से कई कष्ट झेल रहे इस कमजोर देश के लिए पहुंच मार्गों को जानबूझकर बंद करना WTO नियमों का उल्लंघन है। ऐसे खुले युद्ध जैसे कृत्य संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून का स्पष्ट उल्लंघन हैं। हम इन कृत्यों की कड़ी निंदा करते हैं और अफगानिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता तथा स्वतंत्रता का पुरजोर समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत वर्षों से अफगानिस्तान में शांति-स्थिरता का मजबूत हिमायती रहा है। भारत की अफगानिस्तान में 500 से ज्यादा विकास परियोजनाएं भारत ने अफगानिस्तान को लेकर कहा कि क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय सहयोग और सभी संबंधित पक्षों से सार्थक जुड़ाव जरूरी है। भारत ने अफगानिस्तान में 500 से ज्यादा विकास परियोजनाएं पूरी की हैं और मुत्तकी की हालिया यात्रा में तय हुआ कि स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा और क्षमता निर्माण क्षेत्रों में सहयोग और गहरा किया जाएगा। हरीश ने बताया कि नवंबर में अफगान उद्योग-वाणिज्य मंत्री अलहाज नूरुद्दीन अज़ीज़ी के नेतृत्व में आए व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल की भारत यात्रा से कनेक्टिविटी, व्यापार सुगमीकरण और बाजार पहुंच में और सहयोग बढ़ा है। भारत संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के साथ स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, शिक्षा और खेल जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी काम जारी रखेगा।

    You Might Also Like

    Comments

    Leave A Comment

    Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

    Featured News

    Advertisement